Authors :
Page Nos : 481-484
Description :
भारतीय मनोविज्ञान में हमारे मनीषियों ने योग के मानसिक एवं शरीरिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण उपाय के रूप में विश्लेषित
किया है। योग भारतीय धरातल पर उपजी वह तकनीक है जो मनुष्य के सर्वार्गीण विकास के प्रक्रम का निर्धारण करती है और
मानव की एक विद्या के रूप में भारतीय जनमानस ने इसे जीवन शैली के रूप में स्वीकार भी किया है यद्यपि संस्कृत के युज
शब्द से उत्पन्न योग का अर्थ जोड़ना मिलना, या युग्मीकरण होता है तथापि योग, शब्दयोग, महायोग, दयायोग, राजयोग, कर्मयोग
र्कइ रूपों में यह प्रचलित है। योग कार्य के प्रति उचित भावनात्मक अभिकृति द्वारा खुशी, संतोष, प्रदान करता है। व्यक्ति में समय
और शक्ति के मूल्य को पहचानने की क्षमता के विकास के अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक, दैहिक, व बौद्धि संतुष्टि एवं ध्यान
केंद्रानं की शक्ति विकसित करता है। अनेकों शारीरिक एवं मानसिक तनावों से बचाव हेतु योग महत्वपूर्ण तकनीक के रूप में
प्रमाणित प्रविधि है ।