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Authors : प्रा. डाॅ.फरहाना आझमी मो.सादीक शेख

Page Nos : 216-220

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गरीबी और बेरोजगारी एक ही सिक्के के दो पहेलु है। इसका अर्थ गरीबी और बेरोजगारी का बहुत ही निकट संबंध है। गरीबी के कारण बेरोजगारी बढती है तो बेरोजगारी के कारण गरीबी मे वृध्दी होती है। हमारा देश अनेक वर्षो से गरीबी और बेरोजगारी से संघर्ष कर रहा है। आज भी गरीबी हमारे देश में एक बहुत बडी समस्या है। जिस के कारण हमारे देश के विकास में अडचण बनी हुई है। गरीबी के कारण हमारे छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त नही कर सकते शिक्षा के अभाव के कारण हमारे छात्रों को रोजगार प्राप्त नही होता है। भारत के आझादी से लेकर आज तक पिछले सत्तर वर्षो में भी हम अपने देश की गरीबी का निर्मुलन नही कर पाए। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हमारे देश की गरीबी दुर करने के लिए गरीबी हटाओ का नारा दिया और पंचवार्षिक योजना में गरबी हटाने के लिए काफि प्रयास किया गया। गरीबी की तरह बेरोजगारी भी हमारे देश की एक गंभीर समस्या है, आज हमारे देश मे शिक्षा का प्रचार, प्रसार बडे पैमाने पर हुआ है। इंजिनियरिंग और मेडीकल काॅलेज, उच्च शिक्षा संस्थान का विकास होने के कारण हमारे देश मंे सुशिक्षीत युवाओं की संख्या मे बहुत बडी वृध्दी हुई है। इन में हजारों युवक, युवतियाॅं रोजगार से वंचित है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिल नही पा रहे है। भारत एक खंडप्राय देश है, जिसका भौगोलिक विस्तार अधिक है और जनसंख्या भी बहुत अधिक है। हमारे देश की 80ः आबादी गाॅंव या देहातो में बसती है। इस ग्रामीण क्षेत्र मंे रहनेवाली जनसंख्या कृषी पर निर्भर है। इस क्षेत्र की जनता को रोजगार कृषी मे प्राप्त होता है या तो कृषी क्षेत्र से संबंधित छोटे-छोटे व्यवसाय तथा उद्योगो में प्राप्त होता है। इस निबंध मे हम गरीबी तथा बेरोजगारी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Date of Online: 30 May 2022