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Authors : डॉ. जी. वाय. ढोके (डॉ. जी. ए. भालेराव)

Page Nos : 112-114

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भारत एक ग्रामीण देश है जहां लगभग 50ः आबादी महिलाओं की है । अतः राष्ट्र के विकास मे महिलाओं की भुमिका एवं योगदान उतना ही महत्वपुर्ण है जितना पुरूषाओंका, आवश्यकता है केवल देश की आधी आबादी अर्थात महिलाओं का प्रत्येक क्षेत्र मे सक्ष्मीकरण किया जाये तभी ये देश के विकास का आधार बनेंगी । स्वयं सहायता समुह एक सामाजिक , आर्थिक उपक्रम है । अध्ययनो द्वारा प्राप्त निष्कर्ष के अनुसार महिलाओं को उनके अधिकारों का ज्ञान, निर्णय क्षमता का विकास, आर्थिक सामाजिक विकास एवं सक्ष्मीकरण मे स्वयं सहायता समुह की अहम भुमिका है । ग्रामीण क्षेत्र की अनेक महिलाओं का घर संसार स्वयं सहायता समुह द्वारा प्रारंभ किये व्यवसाय से उभरा है । स्वयं सहायता समुह के माध्यम से भारत की महिलाओ ने चाहे वह शहरी क्षेत्र की हो या ग्रामीण- एक नई पहचान बनायी है । अतः प्रस्तुत अध्ययन मे गोंदिया जिले की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वयं सहायता समुह द्वारा सक्ष्मीकरण हुआ अथवा नही इसका अध्ययन किया गया । अध्ययन हेतु याद्रुच्छीक नमुना पध्दती द्वारा कुल 80 ग्रामीण स्वयं सहायता समुह की महिलाओं का चुनाव किया गया । तथ्य संकलन हेतु साक्षात्कार एवं अवलोकन पध्दती का उपयोग कर थ्तमुनमदबल - च्मतबमदजंहम पध्दती द्वारा सांख्यकिय सार्थकता का परिक्षण किया गया । अध्ययन द्वारा प्राप्त परिणाम अनुसार गोंदिया जिले की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वयं सहायता समुह द्वारा सक्ष्मीकरण हुआ है ।

Date of Online: 30 Jan 2019