Authors : विजेन्द्र कुमार मौर्य
Page Nos : 306-311
Description :
प्रस्तुत शोध अध्ययन स्वामी रामदेव के योग दर्शन और उसके शैक्षिक निहितार्थो का अध्ययन करना है। प्रस्तुत शोध कार्य के निम्नवत् उद्देश्य हैं- स्वामी रामदेव के योग के शैक्षिक निहितार्थो का अध्ययन करना एवं योग दर्शन के शैक्षिक निहितार्थो का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करना।शोध अध्ययन हेतु दार्शनिक विधि को लिया गया है। निष्कर्ष में पाया कि योग का अर्थ वर्तमान में जीना है। जहाॅ न ही व्यथा है और न ही चिन्ता। वर्तमान में सृजन वर्तमान ही भूत तथा वर्तमान ही भविष्य की आधार शिला है, योग समाधि है। योग आत्मदर्शन आत्मसाक्षात्कार या आत्मबोध का आध्यात्मिक दर्शन है। हम जाति पन्त मजहब व प्रान्त वाद की संकीणतिाओं को तोडकर योग से पूरे राष्ट्र व मानवता को आपस में जोडना चाहते है। आरोग्य, निर्भरता, सुख, शान्ति, सुरक्षा, सहिष्णुता, प्रेम, करूणा, धैर्य, विवके, ओज, तेज मृत्युजंय योग के परिणाम है।